दुनिया की सबसे दुर्लभ लकड़ी के सामने फीकी है हीरे और सोने की चमक! क्या आपको पता है नाम?

अगरवुड (Agarwood) की लकड़ी दुनिया की सबसे दुर्लभ (Most Rare Wood of the world) मगर सबसे महंगी बिकने वाली लकड़ी (Most Expensive Wood) होती है. इस लकड़ी का दाम हीरे और सोने से कीमती होता है.

अगर किसी से पूछा जाए कि दुनिया की सबसे कीमती चीज (Most Expensive Material) क्या है तो बेशक वो हीरा (Diamond) या सोना (Gold) ही कहेगा. लेकिन अगर हम कहें कि हीरा, सोना या किसी भी बहमूल्य रत्न से महंगी एक लकड़ी (Most Expensive Wood) है तो क्या आप विश्वास करेंगे? इस बात पर तो किसी का भी विश्वास करना मुश्किल है मगर ये सच है कि दुनिया की सबसे दुर्लभ लकड़ी (Rare Wood) की कीमत हीरे और सोने से भी महंगी है. तो चलिए हम आपको इस लकड़ी के बारे में ज्यादा जानकारी देते हैं.


अकीलारिया (aquilaria) के पेड़ से मिलने वाला अगरवुड (Agarwood), ईगलवुड (Eaglewood) या एलोसवुड के नाम से भी जाना जाता है. ये लकड़ी चीन, जापान, भारत, अरब और साउथ ईस्ट एशियन देशों में पाया जाता है. अगरवुड की लकड़ी दुनिया की सबसे दुर्लभ (Most Rare Wood of the world) मगर सबसे महंगी बिकने वाली लकड़ी (Most Expensive Wood) होती है. इस लकड़ी का दाम हीरे और सोने से कीमती होता है. खबर लिखे जाने तक भारत में एक ग्राम हीरे का दाम 3,25,000 रुपये है जबकि 10 ग्राम सोना 47,695 रुपये का है. लेकिन अगरवुड की सिर्फ 1 ग्राम लकड़ी 10,000 डॉलर यानी 7 लाख रुपये से ज्यादा की बिकती है.


अगरवुड को जापान में क्यानम या क्यारा के नाम से भी जाना जाता है. इस लकड़ी से इत्र और पर्फ्यूम बनाया जाता है. लकड़ी के सड़ जाने के बाद इसे इत्र के प्रोडक्शन में इस्तेमाल किया जाता है. यही नहीं, अगरवुड की लकड़ी के राल से ओड तेल भी निकाला जाता है. आपको बता दें कि इस तेल को ही सेंट में इस्तेमाल किया जाता है और आज के वक्त में इस तेल की कीमत 25 लाख रुपये प्रति किलो है! इतनी कीमती होने के कारण अगरवुड को वुड ऑफ गॉड्स यानी भगवान की लकड़ी भी कहते हैं. आपको बता दें कि हॉन्गकॉन्ग, चीन, जापान के इलाके में अकीलारिया के पेड़ काफी होते हैं मगर इससे निकलने वाला अगरवुड इतना कीमती है कि इसकी कटाई और तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है. बीबीसी की एक रिपोर्ट

के मुताबिक इस लकड़ी की इतनी तस्करी हो रही है कि अकिलारिया के पेड़ की नस्ल को ही खत्म कर दिया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार एशियन प्लांटेशन कैपिटल कंपनी अकीलारिया के पेड़ों से जुड़ी एशिया में सबसे बड़ी कंपनी है. ये पेड़ों की नस्ल को बचाने के काम में जुटी है और इसने हॉन्गकॉन्ग समेत कई देशों में प्लांटेशन का काम किया है.



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