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दुनिया की सबसे दुर्लभ लकड़ी के सामने फीकी है हीरे और सोने की चमक! क्या आपको पता है नाम?

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अगरवुड (Agarwood) की लकड़ी दुनिया की सबसे दुर्लभ (Most Rare Wood of the world) मगर सबसे महंगी बिकने वाली लकड़ी (Most Expensive Wood) होती है. इस लकड़ी का दाम हीरे और सोने से कीमती होता है. अगर किसी से पूछा जाए कि दुनिया की सबसे कीमती चीज (Most Expensive Material) क्या है तो बेशक वो हीरा (Diamond) या सोना (Gold) ही कहेगा. लेकिन अगर हम कहें कि हीरा, सोना या किसी भी बहमूल्य रत्न से महंगी एक लकड़ी (Most Expensive Wood) है तो क्या आप विश्वास करेंगे? इस बात पर तो किसी का भी विश्वास करना मुश्किल है मगर ये सच है कि दुनिया की सबसे दुर्लभ लकड़ी (Rare Wood) की कीमत हीरे और सोने से भी महंगी है. तो चलिए हम आपको इस लकड़ी के बारे में ज्यादा जानकारी देते हैं. अकीलारिया (aquilaria) के पेड़ से मिलने वाला अगरवुड (Agarwood), ईगलवुड (Eaglewood) या एलोसवुड के नाम से भी जाना जाता है. ये लकड़ी चीन, जापान, भारत, अरब और साउथ ईस्ट एशियन देशों में पाया जाता है. अगरवुड की लकड़ी दुनिया की सबसे दुर्लभ (Most Rare Wood of the world) मगर सबसे महंगी बिकने वाली लकड़ी (Most Expensive Wood) होती है. इस लकड़ी का दाम हीरे और

आखिर हमारी धरती पर पानी कहां से आया

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हमारी आकाशगंगा में कई खत्म हो रहे तारे होते हैं जो क्षुद्र ग्रह के अवशेष होते हैं। ठोस पत्थर के गोले के तौर पर ये किसी तारे पर गिर कर खत्म हो जाते हैं। तारों के वायुमंडल पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक क्षुद्र ग्रह पत्थर के बने होते हैं, लेकिन इनमें काफी पानी भी मौजदू होता है। इस नतीजे के आधार पर इस सवाल का उत्तर मिल सकता है कि पृथ्वी पर पानी कहां से आया? वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हमारी आकाशगंगा में कई क्षुद्र ग्रह ऐसे होते हैं जिनमें काफी ज्यादा पानी है। यही पानी ग्रहों पर पानी की आपूर्ति करता है जीवन को आगे बढ़ाता है। ब्रिटेन की वॉरिक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रोबर्तो राडी कहते हैं, 'हमारे शोध से पता चला है कि जिस तरह के ज्यादा पानी वाले क्षुद्र ग्रह की बात हो रही है, वैसे शुद्र गृह हमारे सौर मंडल में काफी ज्यादा संख्या में पाए जाते हैं।'  हालांकि शोधकर्ताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि पृथ्वी पर पानी कहां से आया? काफी पहले पृथ्वी बहुत सूखा और बंजर इलाका रहा होगा। इसकी टक्कर किसी ज्यादा पानी वाले क्षुद्र ग्रह से हुई होगी और इसके बाद उस ग्रह का पानी पृथ्वी पर आया

क्‍या आप जानते हैं हमारी पृथ्‍वी की है स्वयं की अपनी धड़कन और एक नब्‍ज, जानिए इस बारें में

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न्‍यूयॉर्क यूनिवर्सिटी जियोलॉजिस्‍ट माइकल रैम्पिनो और उनकी टीम ने धरती के रहस्‍यों का पता लगाने के लिए एक स्‍टडी की थी. माइकल के मुताबिक पृथ्‍वी की अपनी एक हार्टबीट और उसकी नब्‍ज भी है जो 27.5 मिलियन साल की हो चुकी है. आपका दिल धड़कता है और इसकी धड़कन है जो बताती है कि आप जिंदा हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि हमारी धरती की भी एक हार्टबीट यानी धड़कन है जो उसके जिंदा होने का सुबूत है. पृथ्‍वी अजब-गजब रहस्‍यों से भरी पड़ी है. इसके ऐसे ही एक रहस्‍य का पता लगाया गया है एक स्‍टडी में. इस स्‍टडी में जो सामने आया वो वाकई न पहले कभी सुना गया था और न ही किसी ने इस बारे में कभी सोचा था. आइए आपको बताते हैं धरती के उस रहस्‍य के बारे में. अगर इंसान के अस्तित्‍व और पृथ्‍वी के अस्तित्‍व की तुलना करेंगे तो आप जान जाएंगे कि इंसानी जीवन इसके आगे कुछ भी नहीं है. इस ग्रह की अपनी एक जिंदगी है, इसका एक दिमाग है, एक प्रकृति है और ये उसी हिसाब से बर्ताव भी करती है. वैज्ञानिकों की मानें तो धरती पर इतना कुछ होता है जिसके बारे में इंसान कभी अंदाजा नहीं लगा सकता है, इसे नियंत्रित करने का तो ख्‍याल भी कभी किसी के म